Thursday 17 May 2018

गीतिका - सम्मान समारोह

२१२ २१२ २१२ २१२

मान सम्मान कर गान गुणगान कर ।
चल रहा है हवन संगमी द्वार पर ।।

जो कलमवीर है वो यहाँ मीर है ।
सूर तुलसी कबीरा हुआ आज घर ।।

चिन्तनों के शिविर काव्य की साधना ।
इक नई रोशिनी मे नहाता शहर ।।

आइये आप भी बैठिये आप भी ।
गीतमाला पहन कर तनिक जा सँवर ।।

दौर इंदौर का इस मई माह मे ।
आपकी राह देखे समूचा नगर ।।

कविराज तरुण

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